Wednesday 24 July 2013

Railway Employment : अब ग्रुप डी रेल कर्मियों के बच्चों को मिलेगी नौकरी

नौकरी के लिए नहीं देनी होगी लिखित परीक्षा

Wards of Railway Employee May Get Direct Recruitment in Railways
इलाहाबाद। रेलवे में कार्यरत ग्रुप डी कर्मचारियों को रेलवे बोर्ड ने बड़ी राहत दी है। लारजेस स्कीम के तहत ऐच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले ऐसे कर्मचारियों के बच्चों को अब रेलवे में नौकरी लिए लिखित परीक्षा नहीं देनी होगी। उनके बच्चों को अनुकंपा के आधार पर सीधी नियुक्ति दी जाएगी। रेलवे बोर्ड ने इस संबंध में मंगलवार को आदेश जारी कर दिया। बोर्ड के इस निर्णय को नार्थ सेंट्रल रेलवे मेंस यूनियन (एनसीआरएमयू) ने अपनी जीत बताई है। इस फैसले से कर्मचारियों में भी खुशी है।
नवंबर 2003 में एनसीआरएमयू की ओर से डीएसए ग्राउंड में आयोजित सेफ्टी संवाद सम्मेलन में तत्कालीन रेलमंत्री नीतिश कुमार ने ग्रुप डी के गैंगमैन एवं संरक्षा श्रेणी में आने वाले कुछ पदों पर ऐच्छिक सेवानिवृत्ति देकर उनके बच्चों को नौकरी देने का आदेश दिया था लेकिन बोर्ड द्वारा बनाए गए आदेश इतने जटिल थे कि उसका लाभ अब तक किसी को नहीं मिल सका।
इसे मामले को ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन एवं एनसीआरएमयू ने लगातार रेलमंत्री के समक्ष उठाया। इस पर तय हुआ कि ग्रुप डी के बच्चों को शारीरिक भर्ती परीक्षा नहीं देनी होगी, लेकिन लिखित परीक्षा में शामिल होना पड़ेगा।
लिखित परीक्षा समाप्त कराने के लिए एक बार फिर से आंदोलन शुरू हुआ। इस पर पूर्व रेलमंत्री मुकुल राय ने इसे समाप्त कराने का आदेश जारी किया, लेकिन बोर्ड ने इसे लागू नहीं किया। एनसीआरएमयू के महामंत्री आरडी यादव के मुताबिक अब रेलमंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे ने लिखित परीक्षा समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया है। उनके आदेश के बाद रेलवे बोर्ड ने भी 23 जुलाई को इस आशय का निर्देश जारी किया। इस आदेश से देश भर में 35 से 40 हजार ग्रुप डी संरक्षा कोटि के ऐसे कर्मचारी, जिनकी 20 वर्ष की सेवा हो गई है और उनकी उम्र 57 वर्ष से कम है, लाभान्वित होंगे। एनसीआरएमयू के मंडल मत्री एसएन ठाकुर, शीतला प्रसाद श्रीवास्तव आदि ने इस फैसले का स्वागत किया है।

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